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upper circuit and lower circuit - जानिये पूरी जानकारी

शेयर मार्किट में आपने बहोत ऐसे शब्द सुने होगे जिनका उपयोग दैनिक होता है किन्तु कुछ बाते ऐसी होती है जिनको जानना अति आवश्यक है । आज हम बात करने वाले है की Upper Circuit और Lower Circuit के बारे में और जानेंगे की Upper Circuit और Lower Circuit का क्या महेत्व है और इसका क्या मतलब होता है तो कृपया पूरा पढ़े और समजे ।

what is upper circuit and lower circuit

    शेयर बाज़ार में circuit होते है :

    शेयर मार्किट में trading करते वक्त आपने कही बार देखा या सूना होगा की किसी स्टॉक में circuit लगा है | तो आपको बता दे की यह दो प्रकार के Circuit होते है । पहला है Upper Circuit और दुसरा Lower Circuit है 

    Upper Circuit का मतलब क्या होता है :

    Upper Circuit का मतलब सरल शब्दों में कहे तो ऊपर की तरफ स्टॉक में ज्यादा तेज़ी होना अब यह तेज़ी अगर अपने १०% या २०% की लिमिट तक तेज़ी रहती है तो वहा स्टॉक में सिर्फ Buyers मतलब की खरीददारी ही होती हुई आपको दिखती है 

    मतलब की अगर कोई स्टॉक है जिसमे काफी बड़ी मात्रा में खरीददारी हो रही है और शेयर की price भी उप्पर जा रही है तो शेयर में तेज़ी है ऐसा माना जाएगा और अगर शेयर अपने सर्किट लिमिट तक पहुँच जाता है तो फिर कुछ समय तक उस शेयर में trading यानी व्यापार रुक जाता है जिसमे आपको स्टॉक में only buyers ही दिखेंगे  

    Lower Circuit का मतलब क्या होता है :

    आपने Upper Circuit के बारेमे जाना ठीक उसके विपरीत अर्थ से आपको Lower Circuit समजना है Lower Circuit तब लगता है जब किसी शेयर में बहुत बड़ी बिकवाली हुई हो और १०% या २०% तक शेयर में बिकवाली देखने को मिली हो 

    मतलब की अगर कोई शेयर तेज़ी से गिर रहा है और उस शेयर में सिर्फ sellers है तो फिर उसकी लिमिट पर उस शेयर में Lower Circuit लग जाता है और कुछ  समय के लिए Trading रुक जाती है 

    Upper circuit और Lower Circuit का मतलब

    Who decides upper circuit and lower circuit :

    Upper Circuit और Lower Circuit की जो सीमाए है मतलब की जो लिमिट होती है वो sebi (सेबी) द्वारा निर्धारित की जाती है और जिसकी जानकारी Official circular के द्वारा दी जाती है और nse (National Stock Exchange) और bse (Bombay Stock Exchange) की official site पर भी उसकी जानकारी उपलब्ध कराई जाती है 

    Can we buy shares in upper circuit : 

    अगर कोई स्टॉक upper circuit में है तो उसका मतलब है की उस शेयर में सिर्फ खरीददार है और बेचने वाले नहीं है अगर कोई बिकवाली नहीं करेगा तो आप उसको खरीद भी नहीं सकते 

    Can we sell shares in upper circuit : 

    जब किसी शेयर में lower circuit लगता है तो उसमे बिकवाली हुई होती है और उसमे Only sellers होते है तो अगर कोई खरीददारी करेगा नहीं तो बिकवाली भी नहीं हो सकती इसलिए Lower Circuit लगने के बाद उसमे trading रोक दी जाती है 

    upper circuit और lower circuit का मुख्य उद्देश्य :

    शेयर बाज़ार काफी उतार चढ़ाव वाला रहता है जिसमे खरीददारी और बिकवाली दोनोका एक अपना महेत्व है अगर upper circuit and lower circuit नहीं होता तो किसी भी शेयर में बड़ी तेज़ी और बड़ी मंदी हो सकती है जिससे किम्मतो का जो महेत्व है वो नहीं टिकेगा और निवेशको को काफी नुकशान भी भुगतना पड़ सकता है 

    अगर upper circuit and lower circuit नहीं होता तो शेयर जितना तेज़ी से ऊपर जा सकता है उतनी तेज़ी से निचे भी आ सकता है तो इसको रोकने के लिए और निवेशको का जोखिम और व्यापार अछे से चले इसलिए upper circuit and lower circuit का नियम लाया गया है 

    Conclusion :

    इस पोस्ट में आपने upper circuit and lower circuit के बारेमे विस्तार से समजा और जाना की उसका शेयर बाज़ार में क्या महेत्व है और उसका क्या अर्थ है अगर यह जानकारी अछि लगी है तो शेयर ज़रूर करे 

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